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सामान्य रक्तचाप 100-140 mmHg सिस्टोलिक (उच्चतम-रीडिंग) और 60-90 mmHg डायस्टोलिक (निचली-रीडिंग) की सीमा के भीतर होता है। उच्च रक्तचाप तब उपस्थित होता है यदि यह 90/140 mmHg पर या इसके ऊपर लगातार बना रहता है। हाई ब्लड प्रेशर कई तरह की जानलेवा बीमारी का कारण भी बन सकता है, जैसे हाइपरटेंशन स्ट्रोक, दिल के दौरे, हार्ट फेल्योर, धमनियों की धमनी विस्फार/ सूजन, पुराने किडनी रोग आदि कई बीमारियां हो सकती हैं ।

हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) के कारण (High Blood Pressure Causes)

  1. उच्च रक्तचाप असंतुलित जीवनशैली और आहार
  2. मोटापा – मोटे व्यक्ति में बी.पी. बढ़ने का खतरा आम व्यक्ति से ज्यादा होता है।
  3. शारीरिक श्रम न करना। जो लोग व्यायाम, खेल-कूद और कोई भी शारीरिक क्रिया नहीं करते और आरामतलब जीवन जीते हैं, उन्हें रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
  4. जो व्यक्ति शुगर, दिल के रोग, किडनी के रोगों से ग्रसित होते हैं एवं जिनकी रक्त धमनियां कमजोर होती हैं उनमें रक्तचाप उच्च हो जाता है।
  5. ज्यादा नमकीन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से, पिज्जा, बर्गर, चाऊमिन, मोमोज आदि खाने से बी.पी. बढ़ जाता है।
  6. जो व्यक्ति धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन करते हैं।
  7. प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को भी बी.पी. बढ़ने की समस्या होती है।

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण (High Blood Pressure Symptoms):

उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर में तेज सिरदर्द, आंखों की रोशनी धुंधली होना, नाक से खून आना और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसके अलावा दिल का दौरा और ब्रेन स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है।

उच्च रक्तचाप से कैसे बचें? (How to Prevent High Blood Pressure?)

ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए ज्यादातर लोग दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन नैचुरल डाइट (Natural healthy diet) से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना ज्यादा बेहतर विकल्प है:-

  1. स्वस्थ आहार जैसे साबुत अनाज, फल, सब्जियां, डेरी प्रोडक्ट्स एवं कम फैट वाले भोजन से बी.पी. कम हो जाता है।
  2. उच्च रक्तचाप के रोगी को अपनी डायट में मैग्निशियम, कैल्शियम और पोटेशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ अधिक खाने चाहिए।
  3. दूध, हरी सब्जियां, दाल, सोयाबीन, प्याज, लहसुन और संतरें में ये पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं।
  4. उच्च रक्तचाप में फलों में सेब, अमरूद, अनार, केला, अंगूर, अनानास, मौसंबी, पपीता आदि का सेवन लाभकारी होता है इनके अलावा खट्टे फल, नींबू पानी, सूप, नारियल पानी, सोया, अलसी और काले चने खाएं।
  5. रोजाना पानी अधिक मात्रा में पियें।
  6. सलाद में प्याज, टमाटर, मूली, गाजर, खीरा, गोभी का सेवन करने से रक्तचाप सामान्य हो जाता है।
  7. रक्तचाप उच्च होने में ओमेगा-3 वाले प्रोडक्ट खाएं जैसे अलसी या फिर ओमेगा-३ के सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं।
  8. आयोडीन नमक, मैदा, रिफाइंड तेल और चीनी का उपयोग कम से कम करें संभव हो तो छोड़ दें।
  9. कॉफी और चाय का सेवन अधिक करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है।
  10. डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों का सेवन न करें क्योंकि उनमें नमक ज्यादा होता है।
  11. स्मोकिंग और शराब का सेवन न करें।
  12. बाहर की चीजें जैसे पिज्जा, बर्गर आदि का सेवन न करें।
  13. हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए गुस्सा जानलेवा होता है। जितना संभव प्रयास हो सके, तनाव और गुस्से से दूर रहना चाहिए। रोजाना मेडिटेशन और योगा करना चाहिए।

उच्च रक्तचाप के लिए होम्योपैथी दवायें

हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए बेरिएटा म्यूरिएटिकम, ग्लोनॉइन, बेलाडोना, विस्कोम एल्बम और क्राटीगस समेत कई दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है। होमियोपैथी एक्सपर्ट से सलाह लेकर इन दवाओं का इस्तेमाल करें।

उच्च रक्तचाप के लिए आयुर्वेदिक या घरेलू चिकित्सा

  1. लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार होता है।
  2. आँवले का रस और शहद समान मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
  3. वाग्भट्ट आयुर्वेद का हार्ट केयर स्वरस भी ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार होता है।
  4. रोजाना अपने खाने में तिल के तेल का प्रयोग करें। इससे बीपी कम हो जाता है।
  5. वाग्भट्ट त्रिफला जूस ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार होता है।

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