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आंवला क्या है? (What is Amla?)

आंवला यानि आयुर्वेद में अमृतफल या धात्रीफल। काष्ठौषधि  और रसौषधि इन दोनों तरह की औषधि में आंवला का इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक कि आंवला को रसायन द्रव्यों में सबसे अच्छा माना जाता है यानि कहने का मतलब ये है कि जब बाल बेजान और रूखे-सूखे हो जाते हैं तब आंवला का प्रयोग करने पर बालों में एक नई जान आ जाती है। आंवला का पेस्ट लगाने पर रूखे बाल काले, घने और चमकदार नजर आने लगाते हैं।

चरक संहिता में आंवला का उल्लेख आयु बढ़ाने, बुखार कम करने, खांसी ठीक करने और कुष्ठ रोग का नाश करने वाली औषधि के लिए  मिलता है। इसी तरह सुश्रुत संहिता में आंवला के औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है. इसे अधोभागहर संशमन औषधि बताया गया है, इसका मतलब है कि आंवला वह औषधि है, जो शरीर के दोष को मल के द्वारा बाहर निकालने में मदद करता है। पाचन संबंधित रोगों और पीलिया के लिए आंवला का उपयोग किया जाता है।

आंवला के फायदे (Amla Benefits and Uses)

आंवला के प्रयोग से अनगिनत फायदे होते हैं। आंवला खून को साफ करता है, दस्त, मधुमेह, जलन की परेशानी में लाभ पहुंचाता है। इसके साथ ही यह जॉन्डिस, हाइपर-एसिडिटी, एनीमिया, रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहने की समस्या), वात-पित्त के साथ-साथ बवासीर या हेमोराइड में भी फायदेमंद होता है। यह मल त्याग करने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। यह सांसों की बीमारी, खांसी और कफ संबंधी रोगों से राहत दिलाने में सहायता करता है। अमला आंखों की रोशनी को भी बेहतर करता है। अम्लीय गुण होने के कारण यह गठिया में भी लाभ पहुंचाता है।

आंवला शरीर के पित्त, वात और कफ को संतुलित करने में मदद करता है। यह दर्द निवारक दवा के रूप में भी काम करता है।

आंवले की खुराक (Dosage of Amla)

आमतौर पर आप आंवले का सेवन कई तरह से कर सकते हैं। आंवले का कच्चा फल, आमला जूस, आमला चूर्ण, आमला कैंडी या आंवले का मुरब्बा बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है। यहां यह बात ध्यान रखिये कि बहुत अधिक मात्रा में आंवले का सेवन करने से आंवला के नुकसान हो सकते हैं। इसलिए अगर आप किसी बीमारी के घरेलू उपाय के लिए आंवले का सेवन करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेकर सेवन करें।

आंवला के सेवन से क्या नुकसान होता है?

सामान्यतः आंवला का प्रयोग करने से किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है, लेकिन इसकी तासीर शीत होने के कारण इसका सर्दी में फल रूप में प्रयोग करने से बचना चाहिए।

आंवले की तासीर क्या है?

आंवले एक प्रकार का स्वादिष्ट फल होता है। जिसमें आयुर्वेद के अनुसार लवण रस को छोड़कर पांचों रस पाए जाते हैं, जिसमें अम्ल और कषाय प्रधान होता है। आंवले की तासीर शीत यानि ठंडी होती है अर्थात इसके सेवन से शरीर शीतल होती है।

क्या आंवला खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है?

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, आंवले में कई ऐसे गुण होते हैं जो हमारे शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाने में मदद करते हैं. सर्दियों में सर्दी-जुकाम के साथ-साथ कई छोटी मोटी समस्याएं होती ही रहती हैं, ऐसे में अगर आप नियमित रूप से आंवले का सेवन करें तो इससे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ जाती है. इम्यूनिटी मजबूत होने से इन सभी समस्याओं के होने की संभावना कम हो जाती है.

सर्दियों में आंवले का सेवन कैसे करें?

सर्दियों के दिनों में आप आंवले का सेवन कई तरीकों से कर सकते हैं। आप चाहें तो सीधे फल खा सकते हैं या फिर इसका जूस पी सकते हैं। सर्दियों में अधिकांश लोग इम्यूनिटी और शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश का सेवन करते हैं। च्यवनप्राश का मुख्य घटक भी आंवला ही होता है, इसलिए अगर आपको आंवले के फल या जूस का स्वाद पसंद नहीं है तो च्यवनप्राश के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा बाज़ार में मिलने वाले आंवले के चूर्ण, कैंडी , कैप्सूल और मुरब्बे का भी उपयोग किया जा सकता है।

सर्दियों में आंवले का जूस कब पीना चाहिए?

आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना है कि सर्दियों के दिनों में हर उम्र के लोगों को नियमित आंवले के जूस का सेवन करना चाहिए। इसके नियमित सेवन से पेट के रोग दूर होते हैं और शरीर स्वस्थ रहता है। रोजाना सुबह नाश्ते से पहले आंवले का जूस पीना ज्यादा फायदेमंद होता है।

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